वेलम्मा के पास अब ब्लैकमेलर के खिलाफ पर्याप्त चीजें थीं और वो अब उसकी भद्दी चीजों पे लगाम लगाना चाहती थी. वह अपनी सहेली शाज़िया जो कानून प्रवर्तन में है उसको विश्वास में लेकर ब्लैकमेलर को काबू में करने की योजना बनाती है. लेकिन कुछ भी नियोजित तरीके से नहीं हो पाता और वो एक बार फिर ब्लैकमेलर की दया पे निर्भर हो जाती है.