अपने पड़ोसी अंशुल को बाबू द्वारा तंग किए जाने पर वेलम्मा अंशुल के पास जाती है। वेलम्मा को अंशुल पे दया आती है और वो इस पर विराम लगाने का फैसला करती है। वह बाबू को बच्चे को परेशान करने से रोकने के लिए एक समझौता करने की उम्मीद से जाती है, लेकिन विकृत बदमाश के दिमाग में कुछ और ही है।