रात को घूमने के प्लान से रमेश एक बार फिर पीछे हट जाता है. फिर वेलम्मा अकेले ही कामसूत्र पेंटिंग की प्रदर्शनी देखने के लिए चली जाती है. यहाँ चित्रकला सीखने की उसकी ख्वाहिश फिर से जागृत हो जाती है. लेकिन तब ये थोडा दिलचस्प हो जाता है जब उसकी कला प्रशिक्षक उसे एक मॉडल बना देती है.