वेलम्मा का प्लेन एक समुद्र के ऊपर ध्वस्त हो जाता है और वो खुद को अपने एक सहयात्री हिम्मत के साथ एक वीरान द्वीप पर असहाय पाती है. एक ओर उनके बचने के अवसर काफी कम थे और दूसरी ओर हिम्मत उसके नजदीक आने की कोशिश कर रहा था, ऐसी स्थिति में वेलम्मा बाकी बचे अन्तिम दिनों के लिए अपनी ओर से भरसक प्रयत्न करती है.