मि. रानाडे की सिफ़ारिश से वीणा को अपने “रात वाले कठिन परिश्रम” का पारितोषिक वेतन वृद्धि के रूप में मिल गया. वो फिर से ऑफिस में मिलते हैं , जहाँ वीणा संभोगरत होकर रानाडे का आभार प्रकट करती है. दूसरी ओर मनीष को वीणा की सफलता से इर्ष्या होने लगती है और वो उसे ब्लैकमेल करने का प्रयास करने लगता है.