जॉब पक्की होने के बाद वीणा एक अपार्टमेंट में किराये पे रहने का निर्णय लेती है. लेकिन वहां पहुँचने के बाद पता चलता है की उसे ६ माह के किराये का अग्रिम भुगतान करना होगा. पैसों से विहीन वीणा अपार्टमेंट के मालिक मि. हीरालाल से मिलती है और बिना एक भी पैसा खर्च किये ये सौदा निपटा लेती है.