वेलम्मा अपने स्कूली दिनों को पुनरस्मरण करते उन दिनों की याद करती है जब मि. राव की क्लास में उसे धमकाया जाता है. धमकाने वाली दीबा वेलम्मा को परेशान करने की कोशिश करती है जिसके परिणामस्वरूप उन दोनों को मि. राव द्वारा नजरबन्द कर दिया जाता है. जैसे जैसे कहानी आगे बढती है दीबा नजरबंदी से आजाद होने की योजना बनाती है, जिसके लिए वो वेलम्मा से कुछ ऐसा कराना चाहती है जो उसने पहले कभी नहीं किया.